‘एच.ए.क्यू. सेण्टर फॉर चाइल्ड राइट्स’ की हाल ही
में जारी रिपोर्ट ‘‘स्टेटस ऑफ
चिल्ड्रन इन इण्डिया इंकार्पोरेशन’’ के मुताबिक भारत में विकास दर ऊँची है और
शेयर बाजार छलाँग लगा रहा है जबकि बच्चे भूख और कुपोषण से मर रहे हैं।
दुनिया का
हर तीसरा कुपोषित बच्चा भारत में है। हर साल 25 लाख बच्चे पाँच वर्ष की आयु पूरी करने से
पहले ही मर जाते हैं। देश में पैदा होने वाले 100 में से 87 बच्चों के 5 साल की उम्र तक मरने की सम्भावना रहती
है।
दुनिया में
सबसे अधिक यौन शोषण के शिकार बच्चे भारत में ही हैं जहाँ हर 10 में से एक बच्चा हर समय यौन उत्पीड़न झेल
रहा होता है। रिपोर्ट में लगाये गये अनुमान के मुताबिक हमारे देश में मजदूरी, शादी, मनोरंजन और वेश्यावृत्ति के लिए हर साल 6 से 7 लाख बच्चों की खरीद-बिक्री होती है।
(द हिन्दू, 26 जनवरी 2005)
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें