बजर गाँव, जिला-नागपुर देहात (महाराष्ट्र)।
एक तरफ 48 एकड़ में फैला वाटरपार्क (जलक्रीड़ा
केन्द्र), पानी में 18 तरह के फिसलने वाले खेल, बर्फ में स्केटिंग, स्लाइडिंग, हर रोज डिस्को, भारत का पहला बपर्फानी गुम्बद जिसमें
बर्फ की चट्टान को सख्त रखने और उसका तापमान शून्य से 13 डिग्री नीचे बनाये रखने पर हर रोज 4,000 रुपये की बिजली खर्च होती है।
दूसरी ओर 3,000 की आबादी वाले इस गाँव में केवल एक ही
सरकारी नलकूप है। गाँव में 4-5 दिन या कभी-कभी 10 दिन में एक
बार पानी आता है।
पिछले 10 वर्षों से विदर्भ में एक भी पेयजल या
सिंचाई परियोजना पूरी नहीं हुई है। लेकिन वहाँ वाटर पार्क, तालाब और बाग-बगीचे, योगध्यान-मनोरंजन केन्द्र की कोई कमी
नहीं है। यह गाँव उसी विदर्भ में है जहाँ से पानी के अभाव में फसल चौपट होने और
आये दिन किसानों की आत्महत्या की खबरें आती रही हैं।
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