बच्चियों
की हत्या कर उनके अंगों का व्यापार करने के मामले में कुख्यात निठारी
काण्ड के अभियुक्तों का जुर्म इतना संगीन है कि उन्हें जज कड़ी सजा दें तो
जरा भी अफसोस न होगा। लेकिन इस मामले में एक अभियुक्त नरेंद्र कोली की माँ
ने अपने बेटे की फाँसी से पहले चौंकाने वाली बात कही। उन्होंने हिन्दू
अखबार को बताया कि उनके बेटे को बलि का बकरा बनाया गया क्योंकि वह गरीब
परिवार से है। उन्होंने कोली के मालिक बिजनेस मैन
मोनिंदर सिंह पंधेर की ओर इशारा किया जो निठारी काण्ड में सह-अभियुक्त है
जिसे बाद में बरी कर दिया गया और इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने 2009 में उसकी
मृत्युदण्ड को भी खारिज कर दिया था। आज भी उस पर 12 में से 5 केस चल रहे
हैं। बूढ़ी माँ ने बताया कि प्रभावशाली लोगों को बचाने के लिए मेरे बेटे की
बलि दी जा रही है। पंधेर को मृत्युदण्ड नहीं दिया गया। यदि मेरे बेटे को
फाँसी दी जा रही है तो पंधेर को भी लटकाया जाना चाहिए। यह कैसा न्याय है?
पंधेर जैसे धनी लोग न्याय के शिकंजे से बच जाते हैं। गरीब लोग अकेले न्याय
का भार क्यों उठायें?