शुक्रवार, 12 सितंबर 2014

निठारी काण्ड

बच्चियों की हत्या कर उनके अंगों का व्यापार करने के मामले में कुख्यात निठारी काण्ड के अभियुक्तों का जुर्म इतना संगीन है कि उन्हें जज कड़ी सजा दें तो जरा भी अफसोस न होगा। लेकिन इस मामले में एक अभियुक्त नरेंद्र कोली की माँ ने अपने बेटे की फाँसी से पहले चौंकाने वाली बात कही। उन्होंने हिन्दू अखबार को बताया कि उनके बेटे को बलि का बकरा बनाया गया क्योंकि वह गरीब परिवार से है। उन्होंने कोली के मालिक बिजनेस मैन मोनिंदर सिंह पंधेर की ओर इशारा किया जो निठारी काण्ड में सह-अभियुक्त है जिसे बाद में बरी कर दिया गया और इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने 2009 में उसकी मृत्युदण्ड को भी खारिज कर दिया था। आज भी उस पर 12 में से 5 केस चल रहे हैं। बूढ़ी माँ ने बताया कि प्रभावशाली लोगों को बचाने के लिए मेरे बेटे की बलि दी जा रही है। पंधेर को मृत्युदण्ड नहीं दिया गया। यदि मेरे बेटे को फाँसी दी जा रही है तो पंधेर को भी लटकाया जाना चाहिए। यह कैसा न्याय है? पंधेर जैसे धनी लोग न्याय के शिकंजे से बच जाते हैं। गरीब लोग अकेले न्याय का भार क्यों उठायें?

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